जुबाँ चुप रहे क्यूँ,तेरी हादसों पर
"दिखा लाल है रंग रंगों से ज्यादा
खतरनाक सड़कें हैं बमों से ज्यादा
बीमारी से ज्यादा और दंगों से ज्यादा
बहा खून सड़कों पर जंगों से ज्यादा"
***************************
ये तकरार है हो रही बोलियों पर
भड़कते हैं क्यूँ जात पर मजहबों पर
फड़कते है बाजू तेरे गोलियों पर
जुबाँ चुप रहे क्यूँ तेरी हादसों पर
नशा और सफ़र साथ करना कभी ना
कि तब मौत है नाचती रास्तों पर
जो रफ़्तार से बढ़ चले ज़िन्दगी में
थे उनके सफर थम गए हादसों पर
पहन लो ये हेलमेट बेल्ट अब लगा लो
बचोगे न तुम कर यकीं टोटकों पर
डरा मौत से हूँ नहीं आज तक मैं
गवारा नहीं है मरूं रास्तों पर
मेरा खून है तो अमानत वतन की
अगर मौत आये तो मरूं सरहदों पर
मुहाफ़िज़ न बच्चे न पैदल यहाँ पर
बड़ी बेरहम है सड़क सिग्नलों पर
ओ ईनाम लौटाने वालों कहो कुछ
मैं हैरान हूँ तेरी खामोशियों पर
प्रकाश पाखी
खतरनाक सड़कें हैं बमों से ज्यादा
बीमारी से ज्यादा और दंगों से ज्यादा
बहा खून सड़कों पर जंगों से ज्यादा"
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ये तकरार है हो रही बोलियों पर
भड़कते हैं क्यूँ जात पर मजहबों पर
फड़कते है बाजू तेरे गोलियों पर
जुबाँ चुप रहे क्यूँ तेरी हादसों पर
नशा और सफ़र साथ करना कभी ना
कि तब मौत है नाचती रास्तों पर
जो रफ़्तार से बढ़ चले ज़िन्दगी में
थे उनके सफर थम गए हादसों पर
पहन लो ये हेलमेट बेल्ट अब लगा लो
बचोगे न तुम कर यकीं टोटकों पर
डरा मौत से हूँ नहीं आज तक मैं
गवारा नहीं है मरूं रास्तों पर
मेरा खून है तो अमानत वतन की
अगर मौत आये तो मरूं सरहदों पर
मुहाफ़िज़ न बच्चे न पैदल यहाँ पर
बड़ी बेरहम है सड़क सिग्नलों पर
ओ ईनाम लौटाने वालों कहो कुछ
मैं हैरान हूँ तेरी खामोशियों पर
प्रकाश पाखी
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