आएगी कोई बात बातों से निकल,तू बात कर
गर है जिगर,तकदीर जाती है बदल,तू बात कर
उसको बता अपनी मुहब्बत आज चल, तू बात कर
इजहारे दिल कर,डर है रुसवा हो न जाए,गर तुझे
आएगी कोई बात बातों से निकल,तू बात कर
क्या इश्क कर सकता नहीं,दुनिया ये संगदिल है तो क्या
हों अश्क गर सच्चे,पत्थर जाते पिघल,तू बात कर
नाकामियों पर बात नश्तर सी करे दुनिया वैसे
जाती है तेरी कामयाबी से भी जल,तू बात कर
गर शायरी की बात है,हर ग़म सुखन पाखी बने
हो चोट दिल पर,दर्द से बनती ग़जल तू बात कर
आपका
प्रकाश पाखी
बहुत खूबसूरत ग़ज़ल !
जवाब देंहटाएंवाकई उम्दा.हर शेर पर दाद देने का मन करता है.याद रखने लायक,बातों बातों में ज़िक्र करने लायक.
जवाब देंहटाएंआएगी कोई बात बातों से निकल,तू बात कर wahwa!!
जवाब देंहटाएंआदरणीय सतपाल साहब,
जवाब देंहटाएंमैं बता नहीं सकता कि आपकी यह छोटी सी वाह ! मेरेलिए कितनी प्रेरणा दायक है...